हर साल तेजी से बढ़ रहा समुद्र का जलस्तर, दुनिया पर मंडराया डूबने का खतरा, नासा के वीडियो से लोगों में बढ़ी चिंता
बीते 100 सालों में 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ा तापमान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। जलवायु परिवर्तन की वजह से धरती के तापमान में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। कहीं खूब तेज बारिश हो रही है तो कहीं अकाल पड़ रहा है। वहीं समुद्र का जलस्तर बढ़ने की वजह से तटीय इलाकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में यूएन के महासचिव गुटेरेस ने भी इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था जिस स्पीड से आज समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है उसे देखते हुए जल्द ही समुद्र के पास निवास करने वाले उस इलाके से पलायन करने लगेंगे।
नासा ने जारी किया वीडियो
यूएन के महासचिव की चेतावनी के बाद अमेरिका की स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा ने एक वीडियो साझा कर अपनी चिंता व्यक्त की है। इस वीडियो में नासा ने एनिमेशन को जरिए बताया है कि बीते 30 सालों में समुद्र का जलस्तर कितनी तेजी से बढ़ा है और अगर यह इसी तरह से यह बढ़ता रहा तो दुनिया के कई शहर जलमग्न हो जाएंगे।
नासा ने बीते 30 साल के डेटा की स्टडी पर आधारित अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तीन हजार साल पहले से 100 साल पहले तक समुद्र के जलस्तर में सामान्य रूप से बढ़ोत्तरी होती थी लेकिन बीते 100 सालों में तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी की वजह से 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है। रिपोर्ट ने बताया गया है तापमान बढ़ने से दुनिया के अलग-अलग स्थानों खासकर अंटार्कटिका महाद्वीप में जमी बर्फ तेजी से पिघल रही है जिससे समुद्र का जलस्तर 6 से 8 इंच तक बढ़ गया है।
बढ़ती हुई गर्मी से पड़ेगा निगेटिव असर
नासा के मुताबिक, बीते कुछ सालों से दुनिया के कई इलाकों में तेज गर्मी पड़ रही है। अब हाल ये हो गया है कि पहाड़ी इलाके जहां गर्मी का असर बेहद कम रहता था वहां भी अब साल के 12 महीने पंखा चलाने की जरुरत पड़ने लगी है। अमेरिकी स्पेस रिसर्च कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आने वाले कुछ सालों में भारत में 60 करोड़, इंडोनेशिया में 10 करोड़, नाइजीरिया में 30 करोड़, फिलीपींस और पाकिस्तान में 8-8 करोड़ लोगों को भीषण गर्मी झेलने पर मजबूर होना पड़ेगा। इस गर्मी का निगेटिव असर इन देशों के लोगों के अलावा वहां रहने वाले अन्य जीवों और खेती पर भी पड़ेगा।
नासा ने अपनी स्टडी में बताया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण धरती के तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसका सबसे अधिक प्रभाव धुर्वीय इलाकों की बर्फ पर पड़ रहा है। ज्यादा तापमान की वजह से यहां की बर्फ पिघल रही है, जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है।